मेरी यह पहली और सच्ची स्टोरी है, मेरी शादी को 3 साल हो गये है। फिर एक दिन में इंटरनेट चला रहा था तो मैंने उसमें एक विज्ञापन देखा तो उस एड में एक पति को अपनी पत्नी के लिए मर्द की
जरुरत थी और उस आइडिया ने मेरे दिमाग़ में एक नया विचार डाल दिया और में भी अपनी बीवी को किसी और से चुदवाने के लिए बेताब हो गया। अब उस दिन के बाद से में रोज नयी-नयी प्लानिंग करने लगा, लेकिन में सफल नहीं हो रहा था। फिर कुछ दिन के बाद मैंने अपनी बीवी से कहा कि हम एक नया गेम खेलते है और फिर हमने रोल प्लेयिंग स्टार्ट कर दी। अब में कभी नौकर बनता, तो वो मालकिन बनती, तो कभी वो मेरी सेक्सी नौकरानी, तो में उसका मालिक बनता था।
अब इसी तरह के रोल प्ले करते-करते काफ़ी दिन बीत गये थे। अब वो भी किसी और के नाम से चुदवाते समय काफ़ी सेक्सी हो जाती थी और वो उसकी चूत को उछाल-उछाल कर चुदवाती थी, अब हम दोनों को बहुत मज़ा आता था। फिर एक रोज मेरा एक दोस्त मुझे फोन करके बोला कि वो कुछ दिन के लिए हमारे शहर में काम से आ रहा है, तो मैंने उसे अपने घर रहने को राज़ी कर लिया। हमारा ऊपर का कमरा खाली पड़ा था तो मेरी बीवी को भी कोई परेशानी नहीं थी और उसने भी हाँ कर दी थी। फिर जब वो आ गया तो मैंने उसे उसका कमरा दिखाया और मोनिका (मेरी बीवी) ने उससे कहा कि वो खाना भी हमारे साथ ही खा लिया करे। वो एक लंबा चौड़ा नौजवान था और मोनिका भी कम खूबसूरत नहीं थी, अभी तक हमने बेबी प्लान नहीं किया था और उसका गठीला बदन ज्यों का त्यों सेक्सी था, उसकी चूचीयाँ एकदम टाईट और चूत हॉट थी।
फिर मैंने सोचा कि क्यों ना अपने दोस्त को ही शिकार बनाया जाए? और इससे अच्छा मौका मुझे नहीं मिलना था। उसका नाम राजेश था तो मैंने 2-4 दिन के बाद पूरा प्लान बना लिया। राजेश अक्सर रात को देर से आता था और मोनिका या में उसे उसके कमरे में ही खाना पहुँचा देते थे। फिर उस दिन उसके आने से पहले ही मैंने मोनिका को पकड़कर सोफे पर गिरा लिया और उसकी चूचीयों को मसलने लगा, तो वो कुछ ना नुकर के बाद गर्म हो गयी और मेरा लंड अपने हाथ में पकड़कर सहलाने लगी। अब मैंने जानबूझ कर दरवाजा पूरा बंद नहीं किया था और थोड़ा सा खुला रखा था, ताकि अगर राजेश समय से आ गया तो वो हमारी कामलीला देख सके। अब हम दोनों पूरे जोश में थे और फिर मैंने राजेश का रोल करते हुए मोनिका की दोनों चूचीयों को खूब मसला और चूसा, तो वो आह्ह उह्ह करती रही।
फिर मैंने उसकी गुलाबी चूत को चाटना शुरू कर दिया। अब उसके बर्दाश्त से बाहर की बात हो गयी थी और वो चिल्लाने लगी अयाया ऊवू, कम ऑन राजेश, कम ऑन और अपनी चूचीयों को मसलने लगी थी। तो ठीक उसी वक़्त राजेश आ पहुँचा और हमारे दरवाजे पर आकर रुक गया, तो अब मुझे बाहर से आती रोशनी में उसकी परछाई दरवाजे के नीचे से साफ़-साफ़ दिख रही थी, शायद वो अंदर से आ रही आवाज़ों की वजह से रुक गया था। फिर मैंने अपना लंड मोनिका की चूत पर टिकाकर एक ज़ोर से धक्का मारा और उसे ज़ोर-जोर से चोदने लगा तो वो और ज़ोर-जोर से कम ऑन राजेश, फुक मी, चोदो मुझे और ज़ोर से हाँ और तेज अया चिल्लाने लगी थी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो वो उसे चूसने लगी। फिर मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में ही निकाल दिया और अब मेरा गाढ़ा सफेद पानी उसके होंठों से टपक रहा था और वो मेरे सुस्त पड़ते जा रहे लंड को तब तक चूसती रही, जब तक आख़री बूँद उसने चूस नहीं ली। फिर राजेश ने मेरी बीवी को खूब चोदा और उसका बहुत मजा लिया ।।